आम-आदमी की पुकार
myself onli khidmtgaar . akhtar khan akela kota rajsthan
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13 मार्च, 2011
इन हवाओं के साथ
इन हवाओं के साथ
फिर तुम
कभी यूँ न जाना
ज़िन्दगी रहे अगर हमारी
तो मिलने जरुर आना
वरना कबर पर
फातिहा पढ़ क्र जाना .
अख्तर खान अकेला jकोटा राजस्थान
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