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08 मई, 2011

माँ रोती है ..........

माँ रोती है ..........
जी हाँ 
माँ तो रोती ही है .
बच्चा जब माँ के गर्भ में होता है 
प्रसव पीड़ा से तड़प कर तब  माँ रोती है .
बच्चा जब बीमार होता है 
तब भी माँ ममता के दर्द से तडप कर रोती थी .
जी हां बच्चा जब भूखा रहता था रोती नहीं खाता था 
तब भी माँ बच्चे के भूखा होने पर रोती थी 
आज बच्चा बढा हो गया है 
बीवी के कहने में आकर 
माँ से अलग हो गया है 
माँ भूखी रहती है 
बच्चा उसे रोटी नहीं देता  
इसीलियें आज भी 
बूढी माँ बेचारी रोती है 
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. बेहतरीन !अख्तर खान अकेलाजी .
    माँ से जुडी एक और बात लीजिये "कबीर दास के श्री मुख से "-
    मन फूला ,फूला फिरे ,जगत में झूठा नाता रे ,
    जब तक जीवे माता रोवे ,बहन रोये दस मासा रे .और तेरह दिन तक तिरिया रोवे ,फेर करे घर वासा रे .
    तिरिया -स्त्री /बीवी
    दस मासा -दस महीना
    मेरे एक बेच्युअलर दोस्त ने एक बार कहा था -
    "इन इंडिया ए मेल इज कंट्रोल्ड बाई दी फीमेल"-
    यहाँ भाई साहिब फिमेल का अर्थ सिर्फ और सिर्फ "पत्नी "है जो स्वभाव से ही "दीर्घ "पति बेचारा "ह्रस्व "है .

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