आम-आदमी की पुकार
myself onli khidmtgaar . akhtar khan akela kota rajsthan
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08 मई, 2011
जिंदगी हंस कर गुजारो यार
यह जिंदगी
बड़ी ज़ालिम है यार
इसे रोकर
क्यूँ गुजारते हो ..
जब गुजारना ही है
इस जिंदगी को
तो बस
हंस कर गुज़रो यार ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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