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15 मई, 2011

चाय की चुस्की के साथ बहतरीन ब्लोगिंग कर रही है सुनीता शानू ....आज उनकी वैवाहिक वर्षगाँठ है

   चाय की चुस्की के साथ, बहतरीन ब्लोगिंग कर रही है सुनीता शानू ........और आज का दिन ,उनके लियें महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज उनकी वैवाहिक वर्षगाँठ है, उनको और परिवार को इस अवसर पर बधाई ,,,मुबारकबाद ...जी हां पाबला जी से पता चला के बहन सुनीता शानू की वैवाहिक वर्षगांठ है तो उनसे मुलाक़ात का मन किया, मुबारकबाद दी ,और जब उनकी लेखनी से साक्षात हुआ, तो में खुद धन्य हो गया ..सोचा के अगर आज में बहन सुनीता जी को नहीं पढ़ता  तो शायद बहुत बहुत खास जानकारियों से वंचित रह जाता ..
दोस्तों बहन सुनीता शानू एक स्वतंत्र लेखक...कवयित्री..ब्लोगर और व्यवसायिक हैं इनकी खुद की चाय की कम्पनी है ,और चाय लोगों तक केसे पहुंचाई जाए, उसकी मार्केटिंग में आप लगी रहती हैं ..एक कामकाजी महिला के साथ साथ ,बहन सुनीता जब परिवार की बात करती है, तो वोह सिर्फ परिवार की हो जाती है और जब यही परिवार की लाडली ,जब मंच पर कविता बोलती हैं,, तो बस लोग इन्हें सुनते ही रह जाते हैं..जब बहन सुनीता अपने अल्फाजों को ब्लॉग के केनवास पर उतारती हैं तो हर कोई इन अल्फाजों को पढने के लियें आतुर हो जाता है ..बहन सुनीता शानू ने फिल्म अभिनेत्री दीप्ती नवल का नजदीक से साक्षात्कार लिया जो हिन्दुस्तान टाइम्स में वरीयता से छापा गया है ..पत्रकारिता और लेखक के पुरे गुण सम्पन्न बहन सुनीता कहती है के चाय के साथ कुछ कविताये भी हो जाए तो क्या कहने ....दिल्ली में चाय के व्यवसाय से जुडी सुनीता जी लिखती है और खूब लिखती है प्यारा लिखती है और जज्बात को झकझोर देती है इन्होने अपनी ब्लोगिंग में तेताला .......कुछ विशेष ..नारी..बाल उद्ध्यान ...माँ ...मन पखेरू फिर उढ़ चला ..स्वाद..हम होंगे कामयाब ...केसरिया ..है माँ शक्ति ..में तेरी शरण में .....दल रोटी चांवल ....कुछ विशेष ...... के जरिये अपनी रचनाओं अपने विचारों को हम और आप तक पहुंचाया है ..एक साफ़ सुथरे विचार की सुनीता जी जब रामजन्म भूमि के फेसले पर टिप्पणी   करती है, तो वोह भावुक हो जाती है, वोह है माँ शक्ति ब्लॉग पर जब लिखती है, और उसके साथ माँ वन्दना का गीत , और संगीत जब चलता है, तो बस सुनते रहने को जी चाहता है ,वोह देश विदेश,लेख,आलेख और कविता की दुनिया में जब हमे ले जाती है, तो हम इनके लिखे ब्लोगों को चटखारे लेकर पढने के आलावा और कुछ करने लायक नहीं रह जाते,, हम चाहे कुछ भी सोचें, लेकिन  खुद बा खुद टिप्पणी के लियें हमारे हाथ, इस बहन के बहतरीन लेखन पर ,अपने विचार देने के लियें, की बोर्ड पर थिरकने लगते है ..ऐसी बहुमुखी प्रतिभा की धनी बहन सुनीता शानू की वैवाहिक वर्षगांठ पर उनके परिवार सहित हार्दिक बधाई ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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