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16 मई, 2011

खुद तो महेश हैं लेकिन किसी ने उन्हें माही बना दिया

       
"लिख रहा हूँ ताकि सांस ले सकूँ, जो न कभी खुद से मैंने कहा वो आज कह सकूँ." यूँ तो महेश कहते हैं लोग मुझे, पर किसी ने माही नाम दिया है... लोग होश सँभालने के बाद ही लिखना शुरू करते हैं पर मेरी कविताओं ने ही मुझे संवारा है... आज कुछ नहीं बस कहने को एक Electrical Engineer हूँ मैं... रहता हूँ जबलपुर में, पर सारा हिंदुस्तान हमारा है...जी हाँ दोस्तों यह एक जूनियर ब्लोगर हैं लेकिन अपने दो साल की ब्लोगिंगमें महेश बर्माटे  सभी ब्लोगर्स भाइयों के अज़ीज़ बन गये हैं .......भाई महेश जी बर्माटे   के होसले की बात हैं के उन्होंने कला. साह्तीय .चित्रकारिता .गज़ल गीत और रचनाओं के अलग अलग ब्लॉग बनाये हैं कुछ हिंदी कुछ अंग्रेजी में भाई महेश बर्माटे ने अपने ब्लॉग माही ....और दिल से में बहुत कुछ लिखा है और दिल से लिखा है ..इनकी रचनाओं में विरह की तडपन अपनों का मिलन और छोटों बढो का आदर भाव भी छुपा है ...अभी महेश जी नवोदय ब्लोगर्स को सीख देने और ब्लोगिग्न के तोर तरीके सिखा कर उत्साह वर्धन करने के लियें एक साँझा ब्लॉग बनाना चाहते है इसके लियें उन्होंने सभी से सहयोग मनगा है और सभी हर कदम पर उनके साथ हैं ..क्योंकि ब्लोगिग्न के उभरते सितारे इंजिनियर महेश बर्माटे अब लोगों के दिलों के नजदीक आने लगे हैं उन्हें उनके पुनीत कार्य में खुदा कामयाब करे और ब्लोग्गिं के लोग उनका सहयोग करे बस यही उम्मीद सभी ब्लोगरों से है ..............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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